महंगाई बढ़ने की वजह से सरकार के मातहत काम करने वालों के जीवन स्तर में कोई प्रतिकूल असर न पड़े इसलिए सरकार निश्चित अवधि पर डीए (DA) का भुगतान करती है. केंद्र सरकार (Central government) एक जनवरी और एक जुलाई को महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करती है. 

नए साल में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी आने वाली है. केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा कर सकती है. इससे 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा. वहीं लाखों पेंशनभोगियों को भी इसका फायदा पहुंचेगा. यह बढ़ोत्तरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर होगी. आपको बता दें कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की वजह से आर्थिक गतिविधियां ठप हो जाने की वजह से बीते साल में केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी गई थी.

फिलहाल इस अनुपात में मिल रहा वेतन

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ता 21 फीसदी के हिसाब से मिलता है, लेकिन फिलहाल यह 17 फीसदी मिल रहा है. केंद्र सरकार ने यह व्यवस्था जून 2021 तक के लिए की है. माना जा रहा है कि जून 2021 के बाद सरकार महंगाई भत्ते पर राहत दे सकती है. ऐसा होता है तो वेतन और पेंशन, दोनों बढ़कर मिलेंगे. गौरतलब है कि केंद्र सरकार एक जनवरी और एक जुलाई को महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करती है. सैलरी बढ़ाने को लेकर ये फैसला केंद्र सरकार अपनी अगली बैठक में ले सकती है. 

वेतन में 5 हजार से 25 हजार रुपये तक का इजाफा

मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक नॉन-गैजटेड या अराजपत्रित चिकित्सा कर्मचारियों के लिए कम से कम 5000 रुपये प्रति महीने की वेतन बढ़ोतरी होगी. इनके एचआरए, डीए और टीए में भी इजाफा हो सकता है. इन सबको मिला दिया जाए तो अलग अलग पदों पर वेतन में पांच हजार रुपये से 25 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. 

इसलिए दिया जाता है केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता

महंगाई बढ़ने की वजह से सरकार के मातहत काम करने वालों के जीवन स्तर में कोई प्रतिकूल असर न पड़े इसलिए सरकार निश्चित अवधि पर डीए का भुगतान करती है.बता दें कि अभी तक जारी ट्रेंड के मुताबिक केंद्र सरकार एक जनवरी और एक जुलाई को महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करती है. यह इंतजाम 7वें वेतन आयोग के तहत लागू होता है. 

2014 में हुआ था सातवें वेतन आयोग का गठन

सातवां वेतन आयोग का गठन साल 2014 में हुआ था. केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन, पेंशन और महंगाई भत्ता समेत सभी चीजें इसी आयोग की सिफारिश पर तय होती हैं. रेलवे ने गैर-राजपत्रित चिकित्सा कर्मचारियों जैसे लैब स्टाफ, स्वास्थ्य और मलेरिया निरीक्षक, स्टाफ नर्स, फिजियोथेरेपिस्ट, रेडियोग्राफर, फार्मासिस्ट, आहार विशेषज्ञ और परिवार कल्याण संगठन के कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि को मंजूरी दी है.

केंद्रीय कर्मचारी काफी समय से मांग कर रहे हैं कि उनकी न्यूनतम सैलरी 26,000 रुपये होनी चाहिए, जबकि अभी उन्हें 18,000 रुपये मिलते हैं. सातवें वेतन आयोग के तहत सैलरी में इजाफा होने पर केंद्रीय कर्मचारियों की ये शिकायत भी दूर हो जाएगी.