गोरखपुर यांत्रिक कारखाना में अब सभी रेलकर्मियों के नामिनी और परिवार के सदस्यों का ब्योरा अपडेट किया जाएगा। इससे रेलकर्मियों की असामयिक मौत के बाद आश्रित को नौकरी, पेंशन, ईपीएफ सहित अन्य भुगतानों से संबंधित विवाद की स्थिति नहीं रहेगी। कार्मिक विभाग ने सप्ताह भर में नवीनतम जानकारी को एक प्रारूप में मांगा है।

दरअसल, यांत्रिक कारखाना में कई ऐसे मामले आए हैं, जिसमें रेलकर्मी ने दूसरी शादी कर ली। उसकी मौत के बाद दूसरी पत्नी ने पेंशन भी लेना शुरू कर दिया। पहले पत्नी ने जब क्लेम किया तो मामला सामने आया। इसी तरह कई रेलकर्मियों के वारिस का ही उनकी सर्विस रिकॉर्ड में जिक्र नहीं है। इसे लेकर विवाद की शिकायत आए दिन आ रही है।


कारखाना में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की संख्या अधिक है। ज्यादातर इसमें कम पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने अपने परिवार का ब्योरा दर्ज ही नहीं कराया है। मसलन, कुछ ने शादियां कर लीं और अब भी पारिवारिक रिकॉर्ड में जिक्र नहीं है। भविष्य में होने वाली परेशानियों को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के सहायक कार्मिक अधिकारी आनंद कुमार ने 23 दिसंबर को दिशा-निर्देश जारी किया हैै।


पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री विनोद कुमार राय ने कहा कि रेल कारखाना की ओर से यह प्रयास सराहनीय है। इससे विवाद पैदा नहीं होगा। लेकिन रेल प्रशासन रेलकर्मियों के ब्योरा भरवाने के लिए सुपरवाइजर या इंस्पेक्टर को भी लगाए। इससे कम पढ़े-लिखे रेलकर्मियों को फॉर्म भरने में दिक्कत न होगी।
ये ब्योरा देना है
कर्मचारी का नाम व पद, नामिक व्यक्ति का नाम, पता, आयु और उससे संबंध, दो गवाहों के नाम, पद, पता व हस्ताक्षर।