कोरोना काल में देश के तमाम उपक्रमों के साथ रेलवे भी वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है। वित्तीय खींचतान के बीच धनबाद रेल मंडल के कोचिंग डिपो से रेलवे के लिए सुखद खबर आई है। कोचिंग डिपो के कुछ इंजीनियरों ने जुगाड़ तंत्र से लाखों के यंत्र का विकल्प ढूंढ़ निकाला है। दावा किया जा रहा है कि इस मशीन से ईसीआर में दो करोड़ रुपए की बचत होगी।

ट्रेनों की ब्रेक सिस्टम की जांच के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले 15 से 20 लाख के डीवी टेस्ट बेंच की जगह अब धनबाद कोचिंग डिपो की जुगाड़ मशीन को प्रयोग में लाने की तैयारी है। धनबाद के रेल इंजीनियरों की ओर से तैयार इस यंत्र का लोहा ईस्ट सेंट्रल रेलवे के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी ने भी माना है। उन्होंने यंत्र बनानेवाली टीम को 15 हजार रुपए ग्रुप अवार्ड देने की घोषणा की है।

ब्रेक बाइंडिंग से बचाव में कारगर है जुगाड़ यंत्र रेलगाड़ियों में आए दिन ब्रेक बाइंडिंग की घटनाएं होते रहती हैं। कई बार ब्रेक बाइंडिंग के कारण ट्रेन के पहियों से धुआं और चिंगरी भी निकलने लगती है। ब्रेक बाइंडिंग से बचने के लिए नियमित अंतराल पर ब्रेक सिस्टम का मस्तिष्क (ब्रेन) माने जानेवाले डीवी की गहन जांच की आवश्यकता होती है। अभी तक डीवी टेस्ट बेंच से ही इसकी जांच संभव थी।

ईसीआर में दो करोड़ की होगी बचत धनबाद डिवीजन के सीनियर डीएमई (कोचिंग) अभिनव कुमार राय के नेतृत्व में सीडीओ मुकुंद बिहारी और उनकी टीम ने जुगाड़ यंत्र की परिकल्पना तैयार की। बिना अतिरिक्त खर्च के डिपो में उपलब्ध सामान से डीवी टेस्ट बेंच का विकल्प तैयार किया गया। सीनियर पीआरओ पीके मिश्रा ने बताया कि टीम की ओर से तैयार मशीन से पूर्व मध्य रेलवे के कोचिंग डिपो में दो करोड़ रुपए की बचत होगी। हर डिपो में धनबाद मॉडल को अपनाया जा रहा है।