रेल कर्मचारियों के यात्रा पास पर पूजा स्पेशल ट्रेनों में बर्थों की कटौती पर आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। मुख्यालय गोरखपुर स्थित कर्मचारियों में इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है। कर्मचारियों की परेशानियों को लेकर आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर लाकडाउन से पहले की व्यवस्था लागू करने व नियमित ट्रेनों को संचालित करने की मांग की है।

रेलकर्मियों को आरक्षित बोगियों में नहीं मिल रहे बर्थ दरअसल, पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे की लोकप्रिय ट्रेनें ही पूजा स्पेशल के रूप में चल रही हैं। इन ट्रेनों में सभी तरह की रियायतें समाप्त कर दी गई हैं। राजधानी, शताब्दी और दूरंतो एक्सप्रेस की तर्ज पर रेल कर्मचारियों की यात्रा पास पर मिलने वाले बर्थों में भी कटौती कर ली जा रही है। 1800 से 5400 ग्रेड पे वेतनमान तक के रेलकर्मियों को आरक्षित बोगियों में नियमानुसार बर्थ नहीं मिल रहे हैं। एसी टू क्लास में सिर्फ एक और एसी थर्ड में सिर्फ दो बर्थें दी जा रही हैं। शेष बर्थें शयनयान और जनरल श्रेणी में आरक्षित की जा रही है। रेलवे बोर्ड की इस नई व्यवस्था से यात्रा करने वाले कर्मचारियों के परिवारों को अलग-अलग कोचों में बैठना पड़ रहा है। एक साथ यात्रा करने की मंशा अधूरी रह जा रही है। इसको लेकर कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई है। 

इसलिए भी परेशान हैं रेल कर्मचारी दरअसल, कोरोना काल में स्थिति सामान्य होने के बाद रेलकर्मी अपने परिवार के साथ यात्रा पर निकल रहे हैं, लेकिन रेलवे बोर्ड की नई व्यवस्था ने उनकी परेशानियां बढ़ा दी हैं। एआइआरएफ के संयुक्त महामंत्री केएल गुप्त के अनुसार एक तो पास पर राजधानी, शताब्दी और दूरंता एक्सप्रेस का मुहर लगवाना पड़ रहा रहा। काउंटर पर पहुंचने पर एक परिवार के चार लोगों को अलग-अलग बर्थें आरक्षित की जा रही हैं। यह पूरी तरह अनुचित है। अगर यह व्यवस्था समाप्त नहीं हुई तो फेडरेशन भारतीय रेलवे स्तर पर आंदोलन को बाध्य होगा। हालांकि, पूजा स्पेशल ट्रेनों को 31 दिसंबर तक चलाने की घोषणा हुई है। जनवरी में इनके विस्तार की योजना बन रही है।