कोरोना महामारी के दौरान बंद रेल सेवाएं कब से सामान्य होगी? हर किसी के मन में ये सवाल है। लॉकडाउन के बाद रेलवे धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन तो कर रहा है लेकिन पूरी तरह से रेल सेवा सामान्य होने में अभी समय लगेगा। इस संबंध में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने आज जानकारी दी है।रेलवे ने शुक्रवार को कहा कि सामान्य रेल सेवाएं बहाल होने की निश्चित तारीख बता पाना संभव नहीं है। रेलवे अधिकारी हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं और सामान्य ट्रेन सेवाओं को धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से बहाल किया जाएगा। साथ ही बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल अभी तक यात्री श्रेणी की आय में 87 फीसद की कमी देखी गई है।

भारतीय रेलवे इन दिनों1,089 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन कर रहा है। कोरोना महामारी के पहले रेलवे की ओर से 1768 ट्रेनों का संचालन किया जा रहा था। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष व सीईओ वीके यादव ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अब तक हम 1,768 ट्रेनों की तुलना में 1,089 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि रेलवे 264 कोलकाता मेट्रो ट्रेनों और 3,936 उपनगरीय सेवाओं का संचालन कर रहा है। अध्यक्ष ने कहा कि रेलवे ट्रेन सेवाओं की सतत निगरानी कर रहा है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान ट्रेनों की अधिक मांग और वेटिंग लिस्ट की अधिकता के कारण 20 विशेष क्लोन ट्रेनों का संचालन किया गया जो अभी तक चल रही है। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान भीड़ कम करने तथा कन्फर्म टिकटों की मांग को देखते हुए 618 विशेष ट्रेनों का संचालन किया गया।

लोकल ट्रेनों या छोटी रूट की ट्रेनों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे देश भर में 131 यात्री ट्रेनें चलाया जा रहा है। इसके साथ ही वीके यादव ने कहा कि सभी जोन महाप्रबंधकों से राज्य सरकार से बात करने के लिए कहा है कि क्या उनके जोन में और ट्रेनें चलाने की आवश्यकता है? यदि जरूरत पड़ी तो और ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।

कोविड की वजह से रेलवे को आर्थिक नुकसान रेलवे के सीईओ और चेयरमैन वीके के यादव ने बताया कि कोविड की वजह से रेलवे को आर्थिक नुकसान हुआ है। अब तक पिछले साल के मुकाबले 87 फीसद कम कमाई हुई है। उन्होने बताया कि पिछले साल जहां 53 हजार करोड़ की कमाई हुई थी। वहीं, अभी तक सिर्फ 4600 करोड़ रही है। आपको बता दें कि बीते साल कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि साल 2017-18 में भारतीय रेल को अपनी सेवाओं के बदले में 98.44 रुपए ख़र्च करके 100 रुपए मिले हैं। जबकि साल 2015-16 में रेलवे को 90.49 रुपए ख़र्च करके 100 रुपए की कमाई होती थी।