अगर कोई रेल कर्मचारी किसी हादसे का शिकार होकर दिव्यांग हो जाता है तो रेलवे उसे जबरन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या दूसरे लाभों से वंचित नहीं कर सकेगी। इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के महाप्रबंधकों को आदेश जारी कर दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने भगवान दास बनाम पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड 2008 के मामले में निर्णय सुनाया है कि अगर कोई कर्मचारी किसी हादसे में दिव्यांग हो जाता है तो उसे संबंधित विभाग जबरन आवश्यक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति नहीं दे सकता है। कर्मचारी से उसके पद के हिसाब से उस लायक काम कराया जाए। दूसरे कर्मचारियों की तरह वेतनवृद्धि व पदोन्नति का लाभ दिया जाना चाहिए। कर्मचारी के सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए। इस निर्णय पर रेलवे बोर्ड ने भी अमल शुरू कर दिया है। बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर एमके मीना ने सभी जोनल महाप्रबंधकों को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करने को कहा है।