रेल अफसरों के बंगले में हुक्म बजाने वाले कर्मचारी की दशकों पुरानी प्रथा बनी रहेगी। ऐसे कर्मचारियों की नए सिरे से बहाली नहीं होगी। पर पहले से काम करने वाले कर्मचारी साहब के बंगले में सेवा देते रहेंगे।

रेल अफसरों के बंगले में हुक्म बजाने वाले कर्मचारी की दशकों पुरानी प्रथा बनी रहेगी। ऐसे कर्मचारियों की नए सिरे से बहाली नहीं होगी। पर पहले से काम करने वाले कर्मचारी साहब के बंगले में सेवा देते रहेंगे। रेल मंत्रालय ने पहले जहां अफसरों से  इस खास सुविधा को छीनने का फरमान जारी कर दिया था, वहीं अब यू टर्न ले लिया है। रेलवे बोर्ड के निदेशक स्थापना ( एन) एमएम राय ने सभी जोन को इससे जुड़ा पत्र भी जारी कर दिया है।

रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि छह अगस्त 2020 से अफसरों के बंग्ले में सेवा देनेवाले टीएडीके यानी टेलीफोन अटेंडेंट कम डाक खलासी की नई नियुक्ति नहीं होगी। मौजूदा कर्मचारियों की सेवा जोनल रेलवे स्तर पर उन्हें नियमित करने की शर्तों पर जारी रहेगी।

उनके खाली पदों पर पहले से सेवारत कर्मचारियों को नियुक्त किया जा सकेगा। इसके लिए जोन के महाप्रबंधक को अधिकार दिया गया है। महाप्रबंधक अपने क्षेत्रों में एसके लिए प्रावधान तैयार कर सकते हैं।

रेलवे ने अफसरों के बंग्ले में घरेलू काम काज करने वाले कर्मचारियों को हटाने का आदेश जारी कर दिया था। इसे लेकर रेल अफसर एसोसिएशन ने एतराज जताया था। रेलवे बोर्ड चेयर मैन तक को पत्र भेजकर फैसला बदलने का दबाव बनाया था। अंदर ही अंदर रेल अफसर काफी नाराज भी चल रहे थे। आखिरकार रेल मंत्रालय ने उन्हें दी गई सुविधा वापस कर दी।

Appointment-of-TADK-RBE-No-102-of-2020