अफसर के हवाले से खबर में आगे बताया गया कि इस बाबत सरकारी आदेश जारी किया जा चुका है। पर व्यवस्था साल 2006 से प्रभाव में मानी जाएगी। भारतीय सेना (Indian Army) के जूनियर कमिशंड अधिकारियों और जवानों को चीफ ऑफ डिफेंस यानी CoD के बंदोबस्त के अंतर्गत सैन्य मामलों के डिपार्टमेंट खुलने का बड़ा लाभ जल्द मिलेगा। विभाग ने सेना के सभी जेसीओ और जवानों को वायु सेना (Indian Air Force) और नौ सेना (Indian Navy) जैसे रैंक की जगह पर एमएसीपी (सुनिश्चित करियर प्रगति) के आधार पर मकान भत्ता देना तय किया है। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ ने अपनी एक रिपोर्ट में दी।

अफसर के हवाले से खबर में आगे बताया गया कि इस बाबत सरकारी आदेश जारी किया जा चुका है। पर व्यवस्था साल 2006 से प्रभाव में मानी जाएगी। ऐसे में अनुमान के तौर पर कहा जा रहा है कि नए सिस्टम के जरिए सेना के जवानों को लगभग एक हजार करोड़ रुपए का फायदा मिलने की संभावना है। क्या है व्यवस्था?: सरकार ने तीनों सेनाओं के लिए एक प्रावधान किया है, जिसमें जो जवान किराए पर कमरा/क्वार्टर लेकर रहते हैं, वे रैंक की जगह पर अपनी सुनिश्चित करियर प्रगति वाली सैलरी के आधार पर किराए के मकान का अलाउंस (भत्ता) ले सकते हैं। आर्मी में यह चीज एमएसीपी यानी मिनिमम एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन कहते हैं।

रैंक नहीं मिली, तब ये होगाः मान लीजिए कि अगर इस व्यवस्था के तहत किन्हीं वजहों से किसी जवान को रैंक नहीं मिलती है, उस स्थिति में एक निर्धारित समयावधि के बीच उसका वेतनमान बढ़ जाता है। इसी सैलरी के आधार पर किराए के मकान का भत्ता लेने का प्रावधान होता है। सैन्य बलों में यह चीज HRA की जगह पर Claim in Lieu of Quarter (मकान के बदले मिलने वाला अलाउंस) कहलाता है। बता दें कि यह व्यवस्था वायु सेना और नौ सेना ने तो समय के साथ रफ्तार में अपना ली, पर सेना में रैंक के आधार पर भत्ता मिलता रहा।