भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन (Habibganj railway station, Bhopal) में ऐसे बदलाव होंगे, जिससे यात्रियों को समय काटने में परेशानी होने की बजाए अच्छा लगेगा. ये स्टेशन पूरी तरह से किसी एयरपोर्ट की तर्ज पर होगा, जहां एक के बढ़कर एक दुकानें होंगी. स्टेशन को जर्मनी के हेडलबर्ग रेलवे स्टेशन की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है. बता दें कि साल 1955 में बने इस जर्मन स्टेशन पर रोज लगभग 42 हजार यात्री आते हैं और कोई भीड़ नहीं होती है.

अब तक रेलवे स्टेशन को लेकर यात्रियों का अनुभव खास बढ़िया नहीं रहता था. ट्रेन लेट चलने के कारण समय पर स्टेशन पहुंचे लोग भारी भीड़ में धक्का-मुक्की सहने को बाध्य रहते. बैठने या शौचालय का भी सही इंतजाम नहीं होता था. लेकिन अब ये सारी परेशानियां कम से कम एक स्टेशन पर नहीं होंगी. हबीबगंज स्टेशन पहुंचे यात्रियों को लगेगा ही नहीं कि वे किसी स्टेशन पर हैं, बल्कि एयरपोर्ट जैसे आभास होगा. ये कमाल है इंडियन रेलवे स्टेशन्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (IRSDC) जो स्टेशन का रीडेवलपमेंट कर रहा है.

ये काम लगभग 450 करोड़ रुपए की लागत में किया जा रहा है. इसके तहत स्टेशन के दोबारा कंस्ट्रक्शन पर लगभग 100 करोड़ खर्च होंगे, वहीं कमर्शियल विकास पर लगभग 350 करोड़ लगेंगे. फाइनेंशियल एक्सप्रेस में इस बारे में एक रिपोर्ट आई है, जिसमें बताया गया है कि तैयार होने के बाद स्टेशन कितना खूबसूरत लगेगा. रेलवे स्टेशन में एक ग्लासडोम स्ट्र्क्टर होगा, जो इसके प्रवेश द्वार पर होगा. यानी यहीं से ही स्टेशन में बदलाव दिखने लगेगा. इसके साथ ही पूरा स्टेशन ग्रीन स्टेशन होगा, यानी यहां हर ओर एलईडी लाइटें होंगी. पानी की बर्बादी आमतौर पर हर स्टेशन में दिखती है, जहां एक नल में पानी ही नहीं होता तो दूसरे से लगातार पानी बहता होता है. लेकिन इस मॉडर्न स्टेशन में वेस्टवॉटर का दोबारा इस्तेमाल होगा.

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यहां अंडरपास बने होंगे ताकि यात्रा बिना किसी दिक्कत के बाहर निकल सकें. इसके अलावा सबसे ज्यादा ध्यान यात्रियों के वेटिंग लाउंज पर दिया जाएगा. ये इस तरह से तैयार होगा कि यात्रियों को समय काटते हुए जरा भी दिक्कत न हो, बल्कि मजा ही आए. इसके लिए एयरपोर्ट की तरह शॉपिंग एरिया तैयार होगा, जहां यात्री आराम से क्वालिटी टाइम बिता सकें. इतना ही नहीं, स्टेशन से निकलने पर बाहर से आए यात्री कहीं ठहरना चाहें, तो स्टार ग्रेड होटल भी बाहर मिलेंगे. ये अब तक की बेतरतीबी से एकदम अलग होगा, जिसमें आमतौर पर खस्ताहाल होटल ही रेलवे स्टेशन के बाहर दिखते हैं.

दूसरे राज्य या किसी भी जगह से आने वाले लोग अगर बीमार हों तो इलाज के लिए उन्हें मुख्य शहर तक दौड़ लगाने की जरूरत नहीं, बल्कि स्टेशन के बाहर ही अस्पतालों की एक पांत होगी, जहां बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. साथ ही साथ यात्रियों की थकान मिटाने के लिए स्पा सेंटर और सैलून जैसी सर्विस भी हाई क्वालिटी मिलेंगी. ये स्टेशन जर्मनी के हिडेलबर्ग (Heidelberg) रेलवे स्टेशन की तर्ज पर होगा, जो एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं के कारण मशहूर है. हबीबगंज स्टेशन सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP)मॉडल के तहत देश का पहला स्टेशन होगा. अनुमान है कि ये इस साल के अंत तक तैयार हो जाएगा. इसके साथ गुजरात के गांधीनगर स्टेशन को भी इसी तरह से रीडेवलप किया जा रहा है. यहां पर तमाम सुविधाओं के साथ-साथ होटल इंडस्ट्री के नामी ग्रुप लीला ग्रुप के फाइव स्टार होटल भी होंगे ताकि बाहर से आने वाले यात्रियों को किसी किस्म की कोई तकलीफ न हो और कोई भी अपने बजट के मुताबिक बेहतर विकल्प चुन सके.