एचईसी ने रेलवे के लिए हल्के कोच निर्माण की तैयारी शुरू कर दी है। कोच की डिजाइन तैयार कर ली गई है। डिजाइन को मंजूरी मिलते ही निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

एचईसी में बननेवाले कोच अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगे। निर्माण यूरोपियन यूनियन एजेंसी फॉर रेलवे के मापदंडों के अनुसार होगा। इस एजेंसी का प्रमाणपपत्र हासिल करने वाली कंपनियों के साथ ही एचईसी ने काम करने का निर्णय लिया है। एचईसी के अधिकारियों के अनुसार अल्युमिनियम बोगियां पर्यावरण के अनुकूल होती हैं। हल्की होने के कारण ज्यादा शोर भी नहीं होता है। इसमें ऊर्जा की खपत भी कम होती है व इसके रखरखाव में भी काफी कम खर्च आता है। ये आरामदायक होती हैं और दुर्घटना होने पर नुकसान भी कम होता है।

एचईसी ज्वाइंट वेंचर कंपनी भी बनाएगा रेलवे कोच बनाने के लिए एचईसी ज्वाइंट वेंचर कंपनी भी बनाएगा। इसके लिए टेल्गो कंपनी ने प्रस्ताव दिया है। इस कंपनी के अधिकारियों ने पूर्व में भी एचईसी का दौरा किया था। यहां की आधारभूत संरचना को देखने के बाद कोच निर्माण का प्रस्ताव दिया था। एचईसी को तकनीक देने पर भी सहमति बनी थी। अल्युमिनियम बोगी बनानेवाली विश्व की सबसे अग्रणी स्पेन की टेल्गो कंपनी है। एचईसी ने ज्वाइंट वेंचर के लिए कई और कंपनियों से प्रस्ताव मांगा है।

नया शॉप बनाने के लिए जमीन चिह्नित इन कोचों के निर्माण के लिए नया शॉप बनाया जाएगा। इसके लिए जमीन भी चिह्नित कर ली गई है। स्पेन की टेल्गो कंपनी के अधिकारी जल्द ही एचईसी का दौरा भी करने वाले हैं। इस टीम के साथ पूरे प्रोजेक्ट की समीक्षा की जाएगी।

दो बड़ी मशीनें भी बना रहा एचईसी रेलवे ने अपनी उपयोगी यूटीलिटी व्हीकल मशीन (यूटीवी) और टेपिंग मशीन बनाने का काम एचईसी को दिया है। यह 130 करोड़ का कार्यादेश है। इसके निर्माण के लिए 36 माह की समय सीमा तय की गई है। नई रेलवे लाइन बिछाने और ट्रैक की मरम्मत में दोनों मशीनों का उपयोग होता है। यूटीलिटी व्हीकल मशीन बनाने का काम 100 करोड़ और टेपिंग मशीन का निर्माण 30 करोड़ का है। अभी तक इन मशीनों का निर्माण विदेशी कंपनियां कर रही थीं। पहली बार एचईसी ने इसके निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया है।

क्या है यूटीवी और टेपिंग मशीन रेललाइन बिछाने और बदलने के समय रेल पटरियों और स्लीपर को उठाने का काम यूटीवी करती है। जबकि रेलवे ट्रैक पर लूज गिट्टी को पैकिंग करने का काम टेपिंग मशीन करती है।