कड़ाके की ठंड में रेल पटरियों की सुरक्षा के लिए मोर्चा संभालने वाले ट्रैकमैन कर्मचारियों पर रेल अफसरों ने एक नया आदेश थोपा है, जिसका कड़ा विरोध शुरू हो गया है। जबलपुर जोन के प्रधान मुख्य इंजीनियर ने ठंड में ड्यूटी करने वाले रात्रि गश्‍ती दल के आराम के घंटे 3 से घटाकर डेढ़ कर दिए है। वहीं 12 किमी की जगह 16 किमी गश्त के आदेश दिए हैं।

इस फैसले को लेकर कर्मचारियों में नाराजगी है। ठंड में तापमान गिरने से लोहे की पटरियों में क्रेक आ जाते हैं। इससे ट्रेन हादसे की आशंका बनी रहती है। इसकी निगरानी के लिए हर साल 2-2 गैंगमेन की टीम कुल 12 किमी पैदल चलती थी। रोस्टर में प्रति 2 किमी चलकर आधा घंटे का आराम और फिर वापसी होती थी। इस तरह आने-जाने के 4 किमी के 3 राउंड में 12 किमी पैदल गश्त और 3 घंटे का आराम मिलता था, लेकिन अब आराम घटाकर डेढ़ घंटा किया गया है। मतलब 4 किमी के बाद आधे घंटे का आराम मिलेगा। 12 की जगह 16 किमी चलना पड़ेगा।

मामले में डब्‍ल्‍यूसीआरएमएस इंजीनियरिंग शाखा के कोषाध्यक्ष अशोक दुबे ने कहा कि यह अमानवीय निर्णय है। इसका संघ विरोध करेगा। सर्दियों की रात में 16 किमी पैदल चलना और आराम कम करना ठीक नहीं है। कर्मचारी बताते हैं कि ठंड में ओस गिरती है, हाड़ कंपाने वाली सर्द रातों में पटरियां ठोककर जांच करते हैं। कोहरे की धुंध में कई बार आ रहीं ट्रेनें नजर नहीं आती। हाथ पैर अकड़ जाते हैं। ऐसे विपरीत हालात में रेलवे अफसर आराम तक छीन रहे हैं।

इटारसी में पीडब्ल्यूआई की 2 डिपो में 400 गैंगमेन हैं। फरवरी में तापमान 25 डिग्री आने पर नाइट पेट्रोलिंग हटा दी जाती है। इटारसी से होशंगाबाद यूनिट नम्बर 14 और नागपुर ट्रेक पर झुझारपुर नया यार्ड तक सेक्शन लगता है।