नई दिल्ली. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव (Indian Railway Board Chairman VK Yadav) ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अनारक्षित टिकट या वेटिंग लिस्ट टिकट पर यात्रा करने की इजाज़त नहीं है. ऐसे में आप भी यात्रा करने जा रहें तो इस बात का ध्यान रखें. अगर आपकी वेटिंग टिकट यात्रा वाले दिन कंफर्म नहीं हुई है तो ट्रेन चलने से चार घंटे पहले उसे रद करवा दें, अन्यथा आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. रेल नियम के मुताबिक अगर कोई यात्री अपने निर्धारित स्टेशन पर सवार नहीं हो पाता तो टिकट चेकर अगले तीन स्टॉपेज के बाद सीट को खाली घोषित कर देता है, जिससे वेटिंग लिस्ट वाले की टिकट कंफर्म हो जाती है, लेकिन यदि उस वेटिंग लिस्ट वाले को स्टेशन पर ही न आने दिया जाए तो ये नियम उसके किसी काम का नहीं है.  रेलवे की तरफ से यात्रियों के लिए 300 तक की वेटिंग रखी गई है.

वी के यादव ने कहा कि अभी 736 स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही है. 2276 मुंबई सबअर्बन ट्रेनें चलाई जा रही है. उन्होंने बताया कि त्योहारों को देखते हुए 436 फेस्टिव स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही है, ये ट्रेनें 30 नवंबर तक चलेगी.

रेलवे लगातार कर रहा है वेटिंग लिस्ट को कम करने की कोशिश- रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व सीईओ ने भी हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह स्वीकार किया था कि ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट को कम करने की काफी जरूरत है. साथ ही यह कहा था कि निजी ट्रेनों के आने से इस समस्या को कम करने में मदद मिलेगी. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक साल 2019-20 में औसत वेटिंग लिस्ट में 8.9 फीसदी की कमी आई है. व्यस्त समय के दौरान करीब 13.3 फीसदी यात्रियों की टिकट कन्फर्म नहीं हो पाई है.


एक आरटीआई के मुताबिक 2019-20 में कुल 84,61,204 पीएनआर नंबर से जुड़े करीब सवा करोड़ यात्रियों की वेटिंग टिकट कन्फर्म नहीं हो पाई. रेल मंत्रालय ने वेटिंग लिस्ट की समस्या के समाधान के लिए निजी ट्रेन शुरू करने का फैसला भी किया है. इसके अलावा रेलवे ने व्यस्त रूटों पर ‘क्लोन ट्रेन’ शुरू की हैं. ये ट्रेन सीमित स्टेशनों पर ही रुकती हैं. बीते पांच साल में करीब पांच करोड़ पीएनआर नंबर अपने ही आप ही रद्द हो गए क्योंकि वो कन्फर्म नहीं हो पाए. मध्य प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौर की आरटीआई के जवाब में रेलवे ने यह जानकारी दी है. साल 2014-15 में 1,13,17,481 पीएनआर रद्द किए गए. जबकि 2015-2016 में यह आंकड़ा 81,05,022 रहा. इसी तरह 2016-2017 में 72,13,131, साल 2017-18 में 73,02,042 और 2018-2019 में 68,97,922 पीएनआर रद्द हुए.