रेलवे के वरीय अधिकारी रेलवे बोर्ड के आदेश को नही मानते है। तभी तो बोर्ड के रोक के बावजूद लगभग हर विभाग से कर्मचारियों का धड़ल्ले से तबादला किया जा रहा हैं। जबकि रेल यूनियन के सुझाव पर रेलवे बोर्ड के ज्वाइंट डायरेक्टर डी जोसफ की ओर से अगस्त माह में कोविड-19 को देखते हुए 31 मार्च 2021 तक सेंसेटिव पोस्ट पर बैठे कर्मचारियों तक के तबादले पर रोक लगाने का आदेश जारी कर रखा हैं।

ज्यादतर तबादला इंजीनियरिग विभाग में किया जा रहा हैं। कोरोना काल में तबादले के आदेश से रेलकर्मी परेशान हैं। जब इस बाबत सीनियर डीसीएम (डिविजनल कामर्शियल मैनेजर) मनीष पाठक से फोन व वाट्सएप पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। रेल कर्मचारियों के अनुसार कोरोना काल में मडल के विभिन्न स्थानों तक जाने के लिए एक भी ट्रेन का परिचालन नहीं हो रहा हैं। ऐसे में तबादले के बावजूद वे नये स्थान में योगदान देने में असमर्थ हैं। दूसरी ओर फंड के अभाव में कर्मचारियों को ट्रांसफार्म एलाउस तक नहीं दिया जा रहा हैं। चक्रधरपुर मंडल में विकास कार्य जोरों पर चल रहा हैं। रेलकर्मी रेलवे के उत्थान के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में तबादले के आदेश ने उन कर्मचारियों को मायूस कर रखा हैं। वहीं ऐसे भी कई कर्मचारी है जो पिछले 30 वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं। कई तो एक ही स्थान से रिटायर तक हो गए।