रेलवे की ग्रुप डी भर्ती परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ियां अब सामने आ रही हैं। ऐसे भी अभ्यर्थी उत्तीर्ण हो गए हैं जिनको न प्रधानमंत्री का नाम मालूम है और न ही उन्हें पूरी एबीसीडी आती है। लिखित परीक्षा और फिजिकल के बाद प्रमाण पत्रों के वेरीफिकेशन में ऐसा ही मामला पकड़ा गया है। कहा जा रहा है कि परीक्षा का सीसीटीवी फुटेज निकाल कर जांच की जाएगी।

रेलवे में ग्रुप डी के 63 हजार पदों के लिए तीन साल पहले भर्ती विज्ञापित हुई थी। लिखित परीक्षा 17 सितंबर 2018 से देशभर में आनलाइन हुई। महीने भर अलग-अलग तिथियों में अभ्यर्थियों ने आनलाइन परीक्षा दी। देश के सभी बड़े शहरों में परीक्षा कराई गई थी। रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) बेंगलुरू इसके लिए नोडल बनाया गया था। आरआरबी ने परीक्षा के बाद सफल अभ्यर्थियों का नाम आरआरसी भेजा और फिर आगे की प्रक्रिया शुरू हुई। अब तक अधिकतर चयनितों की ज्वाइनिंग भी कराई जा चुकी है। आरआरसी प्रयागराज में 67 चयनितों के प्रमाण पत्र वेरीफिकेशन का मामला लंबित था। पिछले हफ्ते इनको प्रमाणपत्र की जांच के लिए बुलाया गया। इसमें 15 तो आए ही नहीं। जो 52 चयनित आए उनमें छह जांच के दौरान फर्जी पाए गए। इस पर उन्हें डिबार कर दिया गया। चार चयनितों के फिंगर प्रिंट और प्रमाण पत्र संदिग्ध मिले। ऐसे ही चयनितों में शामिल बिहार निवासी अविनाश कुमार पुत्र नित्यानंद शर्मा को सामान्य जानकारी भी नहीं थी। आरआरसी चेयरमैन अतुल मिश्रा ने उससे प्रधानमंत्री का नाम, देश और प्रदेश की राजधानी के बारे में पूछा तो वह बता नहीं सका। पूरी एबीसीडी बताने में भी वह असफल रहा। परीक्षा पास करने की उसकी क्षमता पर संदेह हुआ तो चेयरमैन ने परिणाम रोक कर जांच शुरू कर दी।

संदिग्ध चयनितों की परीक्षा के समय के सीसीटीवी फुटेज निकालने के लिए भर्ती एजेंसी को पत्र लिखा गया है। इनके फिंगर प्रिंट की फोरेंसिक जांच भी कराई जा रही है। गड़बड़ी मिलने पर इनकी दावेदारी निरस्त कर अगली कार्रवाई की जाएगी। अतुल मिश्रा, चेयरमैन आरआरसी, प्रयागराज