रेलवे में अप्रेंटिस कर रहे कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. पिछले साल निकलीं ग्रुप डी (Level-1) की 1.03 लाख भर्तियों को लेकर रेलवे ने बड़ा ऐलान किया है. भारतीय रेलवे ने कुल 1,03,769 में से 20 फीसदी वैकेंसी अप्रेंटाइस के लिए रिजर्व करने की बात कही है.

रेलवे ने बताया है कि एऩटीपीसी, मिनिस्ट्रियल और ग्रुप डी की 1.40 लाख भर्तियों के लिए 2.40 करोड़ एप्लीकेशन मिली हैं. अप्रेंटाइस एक्ट 2016 के तहत भारतीय रेलवे ने लेवल-1 की 1.03 लाख भर्तियों में से 20 फीसदी (20,734 पद) अप्रेंटाइस युवाओं के लिए रिजर्व रखे हैं.

रेलवे अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम के तहत समय समय पर युवाओं को ट्रेनिंग कराता है ताकि वे रेलवे में होने वाले अलग अलग काम करने की स्किल सीख सकें. ट्रेनिंग प्राप्त इन्हीं युवाओं को अप्रेंटाइस कहा जाता है. रेलवे में कई डिपार्टमेंट्स में काम कर रहे अप्रेंटिस लगातार परमानेंट नौकरी की मांग कर रहे हैं. रेलवे कर्मचारियों के संगठन भी लगातार इस मांग को उठा रहे हैं. रेलवे कर्मचारी संगठनों की मांग है कि बिना किसी परीक्षा के अप्रेंटिस को नियमित नौकरी दी जाए. 2018 की रेलवे भर्ती में ग्रुप डी पदों पर 1288 अप्रेंटाइस को नौकरियों पर रखा गया था.  

इस बार की भर्ती में पिछली बार की तरह ही 10वीं पास या आईटीआई की योग्यता मांगी गई थी. जिस तरह से पिछले भर्ती में चयन पक्रिया अपनाई गई, उसी तरह से इस भर्ती में चयन प्रक्रिया अपनाई गई है. सेलेक्ट होने वाले कैंडिडेट्स को 7वें सीपीसी पेय मैट्रिक्स के लेवल-1 के मुताबिक वेतन मिलेगा.  भर्तियों में जनरल कैटेगरी के गरीब लोगों को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा.  

कैंडिडेट्स का सैलेक्शन कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) और शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) के आधार पर किया जाएगा. सीबीटी में सफल उम्मीदवारों को पीईटी में बुलाया जाएगा. सीबीटी में मार्क्स नॉर्मलाइजेशन प्रॉसेस अपनाया जाएगा. कुल वैकेंसी के तीन गुना उम्मीदवारों को पीईटी के लिए बुलाया जाएगा.  पिछले बार की तरह इस बार भी ग्रुप डी सीबीटी में नेगेटिव मार्किंग होगी. प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक काट लिया जाएगा.