असम पुलिस भर्ती घोटाले में शनिवार को रेलवे के दो कर्मचारियों की गिरफ्तारी के साथ ही इनके पास से 5.37 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बोंगाईगांव, बारपेटा और चिरांग जिलों में छापेमारी के दौरान यह राशि बरामद की गई। यह राशि पुलिस भर्ती के दौरान हुए लेन-देन से संबंधित है। बता दें कि इस घोटाले के बाद पूरी पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे थे।

वहीं एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले की जांच कर रही सीआइडी आए दिन नए पर्दाफाश कर रही है। घोटाले में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के दो कर्मचारियों की संलिप्तता पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया है। घोटाले में राज्य के पूर्व डीआइजी पीके दत्ता और भाजपा नेता दीबान डेका सहित 45 आरोपितों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (DIG) पीके दत्ता को भारत-नेपाल सीमा से हिरासत में लिया गया था।

पीके दत्ता के खिलाफ सीआइडी ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। यही नहीं पुलिस ने इनका सुराग देने वाले को ईनाम की घोषणा भी की थी। बता दें कि जांच के सिलसिले में पूर्व डीआइजी, एक भाजपा नेता के आवास और एक तांत्रिक के आश्रम में छापेमारी की गई थी। इन छापों में बड़ी मात्रा में अवैध संपत्ति का पता चला था। छापों में पूर्व डीआइजी पीके दत्ता की अवैध संपत्तियों का भी पता चला था। दत्ता के गुवाहाटी में कई लक्जरी होटल और अन्य शहरों में कई अपार्टमेंट हैं।

मामले के खुलासे के बाद गुवाहाटी में दत्ता के आवास से आठ किलो सोना और तमाम दस्तावेज बरामद किए गए थे। गौरतलब है कि राज्य में पुलिस उप निरीक्षक पद के लिए आयोजित की गई लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था। इसके बाद राज्यभर में परीक्षा शुरू होने के चंद मिनट के बाद ही इसे रद कर दिया गया था। राज्य में इसे बड़े घोटाले के रूप में देखा जा रहा है। इसमें वरिष्ठ अफसरों सहित कई नेताओं के नाम सामने आए हैं।