रेलवे में निजीकरण के खिलाफ यूनियनों ने आंदोलन का बिगुल यूं ही नहीं फूंका है। कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे तमाम विभागों में स्थायी रूप से सरेंडर हो रहे पद, उनकी ङ्क्षचता की मूल वजह हैं। जनसूचना अधिकार अधिनियम के जरिये पता चला है कि पूर्वोत्तर रेलवे में पिछले तीन साल के भीतर अलग-अलग विभागों में 9366 पद खत्म कर दिए गए हैं। वहीं, शुरू की गई एक भी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।  

तेजी से सरेंडर किए जा रहे हैं पद पिछले कुछ वर्षों से पूर्वोत्तर रेलवे में पदों के सरेंडर तो तेजी के साथ हो रहे हैं, लेकिन रिक्त पदों पर तैनाती में लगातार उदासीनता बरती जा रही है। तैनाती के लिए अभ्यर्थियों को धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है। वर्ष 2017-18 में लगभग डेढ़  हजार सहायक लोको पायलटों के पदों पर भर्ती शुरू हुई। आज तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। विभागीय परीक्षा के जरिये ग्रुप डी (चतुर्थ श्रेणी) कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए वर्ष 2018 में शुरू हुई प्रक्रिया अभी भी लटकी है।  यह तब है जब स्वीकृत के सापेक्ष बड़ी संख्या में रिक्त पद पड़े हैं। वर्तमान में ग्रुप सी के स्वीकृत 46441 पदों पर 35351 कर्मचारी ही कार्यरत हैं। जबकि 11090 पद अभी भी खाली हैं। ग्रुप डी के स्वीकृत 16107 पदों पर 12970 कर्मचारी ही तैनात हैं। 3121 पद अभी भी खाली हैं।  

पीआरकेएस के प्रवक्ता ने बताया गहरी साजिश पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) के प्रवक्ता और रिटायर्ड मुख्य टिकट निरीक्षक एके ङ्क्षसह ने इसे गहरी साजिश बताया है। उन्होंने रेलवे भर्ती बोर्ड की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठाया है। रेलवे के कार्मिक विभाग को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि रिक्त पदों को दबा कर रखना युवाओं के साथ विश्वासघात है।

पूर्वोत्तर रेलवे के विभागों में स्वीकृत के सापेक्ष खाली पद

प्रशासन में ग्रुप सी में 224 व ग्रुप डी में 227 पद स्वीकृत तथा क्रमश: 147 व 178 पद खाली।

लेखा में ग्रुप सी में 1217 व ग्रुप डी में 229 पद स्वीकृत तथा क्रमश: 472 व 82 पद खाली।

सिविल में ग्रुप सी में 10435 व ग्रुप डी में 6752 पद स्वीकृत तथा क्रमश: 2545 व 1991 पद खाली।

यांत्रिक में ग्रुप सी में 13073 व ग्रुप डी में 2474 पद स्वीकृत तथा क्रमश: 2542 व 287पद खाली।

परिचालन में ग्रुप सी में 5700 व ग्रुप डी में 1358 पद स्वीकृत तथा क्रमश: 1709 व 344 पद खाली।

वाणिज्य में ग्रुप सी में 3349 व ग्रुप डी में 667 पद स्वीकृत तथा क्रमश: 865 व 64 पद खाली।

सिग्नल में ग्रुप सी में 2977 व ग्रुप डी में 1060 पद स्वीकृत तथा क्रमश: 758 व 279 पद खाली।

विद्युत में ग्रुप सी में 3771 व ग्रुप डी में 1569 पद स्वीकृत तथा क्रमश: 987 व 480 पद खाली।

मेडिकल में ग्रुप सी में 1146 व ग्रुप डी में 931 पद स्वीकृत तथा क्रमश: 398 व 26  पद खाली।

 कार्मिक में ग्रुप सी में 904 व ग्रुप डी में 618 पद स्वीकृत तथा क्रमश: 270 व 11 पद खाली।

 भंडार में ग्रुप सी में 552 व ग्रुप डी में 229 पद स्वीकृत तथा क्रमश: 164 व 174 पद खाली।

सुरक्षा में ग्रुप सी में 3091 व ग्रुप डी में 89 पद स्वीकृत तथा क्रमश: 303 व 45 पद खाली।

पूर्वोत्तर रेलवे में पिछले तीन साल के भीतर अलग-अलग विभागों में 9366 पद खत्म कर दिए गए हैं। वहीं शुरू की गई एक भी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत पूछे गए प्रश्‍न के उत्‍तर में यह जानकारी मिली है।

प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर। रेलवे में निजीकरण के खिलाफ यूनियनों ने आंदोलन का बिगुल यूं ही नहीं फूंका है। कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे तमाम विभागों में स्थायी रूप से सरेंडर हो रहे पद, उनकी ङ्क्षचता की मूल वजह हैं। जनसूचना अधिकार अधिनियम के जरिये पता चला है कि पूर्वोत्तर रेलवे में पिछले तीन साल के भीतर अलग-अलग विभागों में 9366 पद खत्म कर दिए गए हैं। वहीं, शुरू की गई एक भी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।  

तेजी से सरेंडर किए जा रहे हैं पद रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार जिन पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं, उन पदों पर 15 दिसंबर से परीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। – पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे