आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ अत्याधुनिक तकनीक से चलेंगी ट्रेनें -राष्ट्रीय सेफ्टी सेमिनार में रेलवे बोर्ड के अधिकारी ने दी जानकारी ———- -2000 स्टेशन अब तक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग से हो चुके हैं सुसिजत ————- जागरण संवाददाता पटना

भारतीय रेल अपने को अत्याधुनिक बनाने की कवायद तेज कर दी है। परंपरागत सिग्नल सिस्टम को समाप्त कर कंप्यूटराइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की शुरुआत कर दी है। ट्रेनों के इंजन को पूरी तरह बदल दिया गया है। अभी भी बदलाव जारी है। आने वाले दिनों में पूरा इंजन स्वचालित व कंप्यूटरीकृत होगा। ट्रेनें अपने आप चलेंगी और लोको पायलट इंजन में बैठकर निगरानी करेंगे। आने वाला समय सिग्नल व टेलीकॉम विभाग का है।

यह बात इंडियन रेलवे सिग्नल एंड टेलीकॉम मेंटेनर्स यूनियन की ओर से आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर सेफ्टी सेमिनार का उद्घाटन करते हुए रेलवे बोर्ड के राजीव शर्मा ने कही। कार्यशाला में देश भर के सभी जोन तथा मंडलों के 602 एसएडंटी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। सेमिनार में दानापुर मंडल के 70 से अधिक कर्मचारी व अधिकारियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ इंडियन रेलवे को अत्याधुनिक बनाने की संपूर्ण प्रक्रिया से अवगत कराया। अब तक 2000 स्टेशनों को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग से सुसज्जित किया जा चुका है। भविष्य में पूरे देश में सिस्टम लागू किया जाएगा। उन्होंने पश्चिम रेलवे ट्रेनों को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाने के लिए सबसे पहले ऑक्जिलरी वार्निग सिस्टम की शुरुआत की थी।

अब रेलवे में इससे भी अधिक अत्याधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं, जिससे दुर्घटनाएं पूरी तरह समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने वृंदावन स्टेशन की चर्चा करते हुए कहा कि यहां एक नया प्रयोग शुरू किया गया है। इस स्टेशन के लोकेशन बॉक्स में एक सेंसर लगाया गया है, जो अमेजन क्लाउड पर लगातार डाटा भेजता है जिसका कनेक्शन रिले रूम में लगे लैपटॉप के साथ किया गया है। उपकरण में कोई खराबी आने वाली होती है तो मैसेज स्वत: जेनरेट होकर इंजीनियरों के पास चला जाता है जिसे तत्काल रिपेयर कर दिया जाता है।