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रेलवे अब सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बहुत आवश्यकता होने पर ही रखेगा। रेलवे बोर्ड ने बाकी कर्मचारियों को हटाने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। उत्तर मध्य रेलवे प्रशासन ने कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए झांसी, आगरा, प्रयागराज और कारखानों में अपने 919 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दोबारा नौकरी दे रखी है। इसमें झांसी मंडल में 54, आगरा में 187, प्रयागराज में 613, कारखाने में 28, मुख्यालय में तीन व अन्य जगह 34 सेवानिवृत्त कर्मी काम कर रहे हैं। कोरोना महामारी के बीच सेवानिवृत्त कर्मचारियों की उम्र का ध्यान रखते हुए कई जोनल रेलवे ने ऐसे कर्मचारियों को हटा दिया था।

मगर उत्तर मध्य रेलवे में ऐसा नहीं किया गया। इन दिनों काम न होने के बाद भी इन कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है। मगर, अब रेलवे बोर्ड ने महाप्रबंधक को निर्देश दे दिए हैं कि संरक्षा कैटेगरी को छोड़ जहां आवश्यक न हो, वहां से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को हटा दिया जाए। इसके पूर्व उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने झांसी, आगरा व प्रयागराज मंडल के प्रमुखों को पत्र लिखकर सुझाव मांगे थे कि उनकी उम्र के हिसाब से कोरोना महामारी के बीच उनको रखना उचित होगा कि नहीं। जोन के हिस्से में आए 20 में से आठ अच्छे कार्य झांसी। रेलवे के रेल गुड वर्क पोर्टल पर लॉकडाउन के दौरान आईं प्रविष्टियों में बीस अच्छे कार्यों का चयन किया गया। इसमें आठ उत्तर मध्य रेलवे के हिस्से में आए हैं।

पोर्टल पर कुल 2645 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं थीं। रेलवे बोर्ड ने विभिन्न रेलवे इकाइयों द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों को साझा करने के लिए जोनल रेल, उत्पादन इकाईयों, केंद्रीय, प्रशिक्षण संस्थानों और आरडीएसओ को निर्देशित किया था। रेलवे बोर्ड ने ऐसे कार्यों की रिपोर्टिंग के लिए ऑनलाइन गुड वर्क पोर्टल बनाया था। इस प्रतिष्ठित 20 कामों की सूची में उत्तर मध्य रेलवे पर लागू किए गए आठ अच्छे काम हैं।

ट्रेन के प्रस्थान से दो मिनट पहले यात्रियों को सतर्क करने के लिए प्रयागराज में लागू की गई घंटी बजाने की प्रणाली, प्रयागराज- आनंद विहार हमसफर एक्सप्रेस में स्थापित रियल टाइम ऑन बोर्ड सीसीटीवी मॉनीटरिंग सिस्टम, चुनार में स्थापित भारतीय रेल का पहला हॉट एक्सल कम हॉट व्हील डिटेक्टर आदि शामिल हैं।