सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की सुविधा के लिए लॉकडाउन में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इसके अनुसार अब कुछ कर्मचारियों को कार्यालय में उपस्थित होने से छूट दे दी गई है। इस संबंध में केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने आदेश जारी किया है। इसके अनुसार बीमार कर्मचारी, दिव्यांगजन एवं गर्भवती महिलाओं को कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य नहीं है। आदेश में यह भी छूट दी गई है कि इन कर्मचारियों को कार्यालय में पहुंचने वाले कर्मचारी रोस्टर की सूची में शामिल ना किया जाए। सरकार के इस फैसले से देश के लाखों कर्मचारियेां को राहत मिलेगी।
देश में 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया गया है। इसके चलते रोस्टर प्रणाली के अनुसार 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वैकल्पिक कार्य दिवसों के दिन कार्यालय में पहुंचकर काम करने का आदेश जारी किया गया है। लेकिन केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने ताजा आदेश में अब बीमारी से जूझ रहे कर्मचारियों, दिव्यांगों एवं गर्भवती महिला कर्मचारियेां को रोस्टर एवं ड्यूटी से राहत दे दी है।
सरकार की तरफ से गत दिनों यह कहा गया था कि निकट भविष्य में कर्मचारियों को महीने में 15 दिन घर से काम करने यानी वर्क फ्रॉम होम का विकल्प भी प्रदान किया जा सकता है। सरकार का कहना था कि 15 दिनों के वर्क फ्रॉम की नीति को भविष्य में स्थायी नीति के तौर पर भी शामिल किया जा सकता है। हालांकि इस संबंध में अभी आधिकारिक बयान या घोषणा जारी नहीं की गई है।
अब नई व्यवस्था में यह होगा मंत्रालय के ताजा आदेश के बाद अब वे कर्मचारी जिनका उपचार चल रहा है, उन्हें इलाज संबंधी पर्चा दिखाना होगा। इसी प्रकार गर्भवती महिलाओं एवं दिव्यांग कर्मचारियों को भी कार्यालय पहुंचने संबंधी तैयार हुए रोस्टर में शामिल किए जाने का आदेश जारी हुआ है। देश में इन दिनों लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है। यह 31 मई तक चलेगा। इसके चलते केंद्र सरकार ने 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति का निर्णय लिया है। इसके पहले जो व्यवस्था तय थी, उसमें 33 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति को अनिवार्य माना गया था।