7th Pay Commission: पीआईबी के ट्वीट में कहा गया कि इस तरह की कोई भी खबर आधारहीन और पूरी तरह से गलत है। पीआईबी ने कहा कि ऐसी खबरों पर यकीन न करें और केंद्रीय कर्मचारियों को पहले की तरह ही भत्तों का भुगतान जारी रहेगा।







क्या महंगाई भत्ते यानी डीए में कटौती के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत मिलने वाले ट्रैवल अलाउंस और मेडिकल अलाउंस जैसे भत्तों में भी सरकार कमी करने की तैयारी में है? यदि कुछ खबरों को पढ़ने के बाद आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है तो सरकार की यह बात जानना आपके लिए जरूरी है। दरअसल सरकारी एजेंसी पीआईबी ने अपने ट्विटर हैंडल से ऐसी तमाम खबरों का खंडन किया है। ‘पीआईबी फैक्ट चेक’ नाम के ट्विटर हैंडल पर कहा गया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। ट्वीट में कहा गया इस तरह की कोई भी खबर आधारहीन और पूरी तरह से गलत है। पीआईबी ने कहा कि ऐसी खबरों पर यकीन न करें और केंद्रीय कर्मचारियों को पहले की तरह ही भत्तों का भुगतान जारी रहेगा।



वित्त मंत्रालय की ओर से भी ऐसी खबरों को भ्रामक और पूरी तरह से फर्जी करार दिया गया है। पीआईबी फैक्ट चेक ने वित्त मंत्रालय का एक दस्तावेज शेयर किया है। इसमें कहा गया है, ‘सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले एलटीसी, मेडिकल रिइंबर्समेंट और ओटीए समेत कई भत्तों में कटौती जैसा कोई प्रस्ताव नहीं है। इन सभी भत्तों का भुगतान पहले ही तरह ही जारी रहेगा।’ बता दें कि कोरोना वायरस के मद्देनजर सरकार की ओर से डीए के बाद टीए में भी कटौती के प्रस्ताव की खबरें सोशल मीडिया सर्कुलेट हो रही थीं।



मंत्री बोले, अफवाहें फैला रहे शरारती तत्व: हाल ही में एक और भ्रामक जानकारी वायरल हुई थी कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु को घटाकर 50 साल करने पर विचार कर रही है। हालांकि खुद केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसका खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि कुछ शरारती तत्व जानबूझकर इस तरह की अफवाहों को फैलाने में जुटे हैं।

रिटायरमेंट की उम्र घटाने की भी फैली थी अफवाह: केंद्रीय मंत्री ने कहा था, ‘रिटायरमेंट की आयु को कम करने का कोई भी प्रस्ताव नहीं है। सरकार में किसी भी लेवल पर इस तरह के प्रपोजल पर चर्चा नहीं हुई है।’ गौरतलब है कि बीते सप्ताह केंद्र सरकार ने अपने करीब 1.5 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनरों के बढ़े हुए महंगाई भत्ते के भुगतान पर रोक लगा दी थी। यही नहीं सरकार ने जुलाई 2021 तक इजाफे पर भी रोक लगाई है।