55 वर्ष से ज्यादा उम्र के रेलकर्मियों पर छंटनी की तलवार लटक गई है। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में उत्तर मध्य रेलवे प्रशासन को बेहतर प्रदर्शन न कर पाने वाले अफसरों एवं कर्मचारियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि ऐसे रेलकर्मियों की सूची तैयार कर उनसे समयपूर्व सेवानिवृत्ति की पेशकश की जा सके। चर्चा इस बात की है कि जोन भर में तैनात कुल कर्मचारियों में से दस फीसदी के समक्ष सेवानिवृत्ति की पेशकश की जा सकती है। हालांकि, एनसीआर के वरिष्ठ अफसरों ने इस बारे में अभी कुछ भी कहने से इंकार किया है।








दरअसल, 22 अगस्त को ही चेयरमैन रेलवे बोर्ड (सीआरबी) वीके यादव ने सभी जोनल महाप्रबंधक एवं डीआरएम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी। इस कांफ्रेंस में एनसीआर के अफसर भी शामिल थे। इसी बीच 55 वर्ष से अधिक उम्र के रेलकर्मियों की परफार्मेंस के बारे में सीआरबी ने अफसरों से जानकारी मांगी।




सीआरबी द्वारा 55 वर्ष से ज्यादा उम्र के अफसर एवं रेलकर्मियों के संबंध में पूछे जाने के बाद से एनसीआर मुख्यालय और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में हड़कंप मच गया है। चर्चा इस बात की है कि पहले उन अफसरों एवं कर्मचारियों की सूची बनाई जा रही है, जिनकी उम्र 55 वर्ष या 30 वर्ष की रेल सेवा हो गई है। एक अनुमान के मुताबिक एनसीआर में कुल कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 65 हजार के आसपास है। इसे घटाकर 60 हजार किए जाने की योजना है। एनसीआर जोन के तीनों मंडलों में यहां पहले चरण में अफसरों की सूची तैयार की जा रही है।




इस बारे में डीआरएम अमिताभ से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। हालांकि, नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के पदाधिकारी इस संबंध में अपनी आपत्ति जरूर दर्ज करवा रहे हैं। मंडल मंत्री शीतला प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा कि एआईआरएफ महामंत्री शिव गोपाल मिश्र छंटनी के संबंध में सीआरबी से मिल चुके हैं। हालांकि, सीआरबी ने हम सभी को आश्वस्त किया है कि वह सिर्फ समीक्षा कर रहे हैं। लेकिन, यूनियन को इस संबंध में सरकार की मंशा संदिग्ध नजर आ रही है। एनसीआर समेत किसी भी जोन से यूनियन कर्मचारियों की छंटनी नहीं होने देगा।