रेलवे में ड्यूटी पर मौजूद टीटीई स्टाफ के साथ यदि कोई हादसा होता है और वे स्थाई अपंगता या फिर मौत का शिकार हो जाते हैं उन्हें भी मुआवजा मिलेगा। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के एक आदेश के बाद रेलवे के टीटीई स्टाफ के लिए एक बड़ी सुविधा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इस आदेश के बाद जबलपुर जोन के २ हजार से ज्यादा टीटीई इसके दायरे में आ गए हैं।








अब तक नहीं थी सुविधा : रेलवे में सेफ्टी कैटेेगिरी से जुड़े कर्मचारियों को ही अब तक मुआवजा राशि देने का प्रावधान था।

अब तक रेलवे की ओर से टीटीई स्टाफ को किसी भी तरह की मुआवजा राशि नहीं दी जाती थी। इस निर्णय के बाद से टीटीई स्टाफ के गंभीर हादसे की स्थिति में 30 से 40 लाख रुपए तक की राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया है। स्थाई अपंगता की स्थिति में कर्मचारी की उम्र के हिसाब से मुआवजे का निर्धारण होगा। जबलपुर मंडल डब्ल्यूसीआरईयू सहायक महामंत्री संजय जैन ने बताया कि एनएफआईआर की तरफ से केंद्र सरकार से लगातार इस मुद्दे पर चर्चा हो रही थी। इस पर सहमति बन गई है और आदेश भी जारी हो गया है। इससे जबलपुर जोन के २ हजार से ज्यादा टीटीई नए नियम के दायरे में आ गए हैं।




वेलफेअर इंस्पेक्टर अशोक दुबे ने बताया कि अभी तक टीटीई स्टाफ को किसी तरह के मुआवजे का प्रावधान नहीं था। अब उन्हें भी मुआवजा राशि मिलने लगेगी। इस संबंध में आदेश जारी हो गए हैं।
यह हुआ आदेश




रेलवे को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के लिखे पत्र में कहा गया है कि रेलवे में पदस्थ टीटीई स्टाफ को अब कंपनसेशन एक्ट 1923 के अधीन माना जाएगा। इस एक्ट के तहत रेलवे में सेवा दे रहा टीटीई स्टाफ भी इस श्रेणी में आता है।