7वें वेतन आयोग को पास हुए 2 साल के लगभग हो चुके हैं लेकिन केंद्र सरकार के कर्मचारी अभी भी पे स्केल और हाइक का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, उनका इंतजार जल्द ही खत्म हो सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक पैनल गठित कर दिया है जो केंद्र के कर्मचारियों की मांग पर अप्रैल महीने तक अंतिम फैसला ले सकती है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा लोअर-लेवल कर्मचारियों से किए गए वादों को जल्द ही अमलीजामा पहनाया जा सकता है।








इसके पहले रिपोर्ट्स आई थीं कि अप्रैल 2018 से 7वें वेतन आयोग का सपना साकार हो सकता है। सेन टाइम्स न्यूजपेपर से एक अधिकारी ने बताया कि पे मैट्रिक्स लेवल 1 से 5 के वेतन में आने वाले कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के 2।57 की बजाय 7वें वेतन आयोग में 3 गुना की बढ़ोतरी मिलेगी। छठे वेतन आयोग में ये 2।57 था। इसके हिसाब से न्यूनतम पे हाइक भी 21 हजार रुपये का होगा।




आपको बता दें कि 7 वां वेतन आयोग को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल पास कर दिया था। जिसमें न्यूनतम वेतन 7 हजार रुपए से बढ़ाकर 18,000 हो गया था बकि अधिकतम वेतन 2।57 गुना के फिटन फैक्टर के साथ 2।5 लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया था किन कर्मचारी मांग कर रहे थे कि कम से कम बुनियादी वेतन को बढ़ाकर 26,000 रुपये कर दिया जाए, जो कि 3।68 गुना की फिटनेस फैक्टर है।




रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंट्री लेवल कर्मचारियों के लिए बेसिक पे 7 हजार रुपये से बढ़कर 18 हजार रुपये हो सकता है। वहीं, उच्चतर स्तर जैसे सचिवों के लिए पे स्केल 90 हजार से बढ़कर 2।5 लाख हो सकता है। इससे भी अधिक, क्लास 1 के ऑफिसर्स के लिए बेसिक पे 56,100 से शुरू हो सकता है। इसके अलावा। पैनल हाउस रैंट अलाउंस को 27 फीसदी, 18 फीसदी और 9 फीसदी तक बढ़ा सकता है। इससे पहले एचआरए 24 फीसदी, 16 फीसदी और 8 फीसदी था।

पिछले साल जब कैबिनेट ने 7वें वेतन आयोग को मंजूरी दी थी, न्यूनतम बेसिक पे 7 हजार रुपये से बढ़कर 18 हजार रुपये हो गया था। वहीं दूसरी ओर अधिकतम बेसिक पे 2।5 लाख रुपये हो गया था। हालांकि कर्मचारियों की मांग थी कि न्यूनतम बेसिक पे 26 हजार रुपये होना चाहिए।