अब बीच रास्ते में बदल जाएंगे ट्रेन चालक, ट्रेन दुर्घटना रोकने के लिए चालकों की ड्यूटी का समय किया तय , विशेष परिस्थिति में एक घंटे बढ़ाई जा सकती है ड्यूटी

रेलवे बोर्ड ने दुर्घटना रहित ट्रेन संचालन के लिए प्रत्येक बिंदु का परीक्षण करना शुरू कर दिया है। चालकों से 16 से 20 घंटे तक लगातार ट्रेनें चलवाई जाती हैं। अधिक मालगाड़ी व ट्रेन चलाने के लिए चालकों को पांच घंटे आराम करने के बाद पुन: ड्यूटी पर बुलाकर ट्रेन व मालगाड़ी चलाने को भेज दिया जाता है। जिससे सिगनल पार करने, ट्रेनों में टक्कर होने जैसी घटनाएं होती हैं। इसे देखते हुए रेलवे बोर्ड ने चालकों के लिए ड्यूटी का समय निर्धारित किया है।








रेलवे बोर्ड के निदेशक (एलएल) डीवी दास ने पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि चालक की ड्यूटी कुल 11 घंटे की होगी, जिसमें घर से ड्यूटी पर आने और ड्यूटी समाप्त कर घर पहुंचने तक का समय शामिल है। चालक से अधिकतम नौ घंटे तक ट्रेन चलवाई जा सकती है। विशेष स्थिति में कभी-कभी दस घंटे तक चलाया जा सकता है। इससे अधिक समय होने पर मंडल रेल प्रशासन बीच रास्ते में दूसरे चालक की व्यवस्था करेगा और ट्रेन चलाने वाले चालक को विश्रम करने भेज दिया जाएगा।




दूसरे चालक से ट्रेन चलवाई जाएगी। एक बार ड्यूटी खत्म करने पर 16 घंटे तक चालकों को आराम करने का समय दिया जाएगा, उसके बाद ड्यूटी पर बुलाया जाएगा। इससे अधिक समय तक चालकों से ड्यूटी कराने वाले अधिकारियों को जवाब देना होगा। जहां चालकों की कमी है, वहां मालगाड़ी का संचालन रोकने का आदेश है। माना जा रहा है कि इस आदेश के बाद मंडल भर के डेढ़ हजार से अधिक चालक व सहायक चालकों को राहत मिलेगा। यात्री भी सुरक्षित यात्र कर पाएंगे।




मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि बोर्ड के आदेश के अनुसार चालकों की ड्यूटी लगाने का आदेश ब्रांच अधिकारियों को दिया गया है।