2018 से रेलकर्मियों को कागज का पे-स्लीप एवं यात्रा पास मिलना भी बंद होने की उम्मीद है। रेलवे ने पेपरलेस होने की ओर एक और कदम बढ़ा दिया है। टाटानगर व दक्षिण-पूर्व जोन इसके लिए हर एक रेलकर्मी को डिजिटल करने का अभियान शुरू है। रेलकर्मियों से उनका ई-मेल आईडी, आधार नंबर एवं मोबाइल नंबर मांगा गया था, ताकि क्रिस उसे रेलवे में ऑनलाइन सुविधा दर्ज कर सके। इधर, कार्यपद्धति में सुधार और पारदर्शिता के लिए रेलवे टाटानगर में भी एक पर एक विभागों को ऑनलाइन किया जा रहा है।








रजिस्टर का प्रचलन बंद

रेलवे में सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद रेल में रजिस्टर का प्रचलन बंद हो जाएगा। कागज की बचत के लिए यह कवायद रेलवे के हर कार्य क्षेत्र में शुरू है। ई-टेंडर, ई-पार्सल, ई-बुकिंग एवं ई-टिकट बढ़ावा दिया जा रहा है।




मोबाइल पर दुनिया

स्मार्टफोन के युग में रेलवे यात्रियों एवं रेल कर्मचारियों को हर सुविधा व सूचना मोबाइल पर देगा। दक्षिण-पूर्व जोन से ट्रेनों में हावड़ा स्टेशन पर आरक्षण चार्ट चिपकाने की प्रक्रिया तीन दिनों से बंद हो गई है। टाटानगर के ट्रेन चालक एवं गार्ड को महीनों से मोबाइल पर एसएमएस से ड्यूटी की जानकारी दी जाती है।




मेडिकल स्मार्ट कार्ड

डिजिटल होने के बाद रेलकर्मियों एवं उनके परिजनों को इलाज के लिए स्मार्ट कार्ड दिए जाएंगे। गार्डेनरीच समेत अन्य जोन में स्मार्ट कार्ड बन भी रहा है। वहीं, आधार, ई-मेल व मोबाइल नंबर अपडेट कराने वाले रेलकर्मी को मोबाइल पर वेतन, पीएफ व छुट्टी की सूचना मिलने लगी है। इससे रेलकर्मियों को भी किसी तरह की जानकारी के लिए विभागीय अधिकारी का चक्कर नहीं लगाने होंगे।

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