रायगढ़. रेल अधिकारियों को पोल खुलने का डर इस कदर सताया कि उन्होंने बिलासपुर दौरे पर आए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से लोको पायलट संघ को दूर रखा। खास बात तो यह है कि इसमें अहम भूमिका बिलासपुर ऑफिस में काम करने वाले लोको पायलट की रही। जिसके बाद वो लोको पायलट संघ का विरोधी बन गया। इस बीच लोको पायलट संघ के साथ झड़प की भी खबर है। इस बीच मंगलवार को बिलासपुर से रायगढ़ आए आला अधिकारी ने भी स्थानीय लोको पायलट से चर्चा करने कोई खास रुचि नहीं दिखाई।








जिसके बाद रायगढ़ के नाराज लोको पायलट, लॉबी के बाहर ही धरने पर बैठ गए। वहीं अधिकारी व झड़प करने वाले बिलासपुर के लोको पायलट के खिलाफ जमकर प्रदर्शन की। इस बीच उन्होंने अधिकारियों पर तानाशह रवैये का आरोप भी लगाया। मंगलवार की दोपहर बड़ी संख्या में रायगढ़ के लोको पायलट, लॉबी के बाहर धरने पर बैठे थे। लोको पायलट से मिली जानकारी के अनुसार मामला सोमवार को बिलासपुर दौरे पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी आए थे। जिससे बिलासपुर ऑफिस में काम करने वाले एक लोको पायलट ऋषिकेश ने ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन के पदाधिरियों को बोर्डके चेयरमैन से मिलने नहीं दिया। इस बात को लेकर झड़प भी हुई थी। जो आरपीएफ के हस्तक्षेप के बाद समाप्त हुई।




जिसके बाद लोको पायलट, उक्त लोको पायलट के विभागीय कार्य से हटाने के साथ ही कार्रवाई की मांग कर रहे थे। जो मंगलवार की दोपहर तक नहीं हुआ था। रही सही कसर रायगढ़ दौरे पर आए डीईईओपी डीएस तोमर ने पूरी कर दी। जो नाराल लोको पायलट से बात करने को लेकर ज्यादा तरजीह नहीं दी। जिससे लोको पायलट का गुस्सा फूट पड़ा और वो लॉबी के बाहर ही धरने में बैठ गए। करीब एक घंटे तक चले इस विरोध प्रदर्शन के बीच संबंधित आला अधिकारी व आरोपों से घिरे लोको पायलट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।





पोल खुलने का है डर– नाराज लोको पायलट की माने तो बिलासपुर डिवीजन व जोन के अधिकारियों अपनी गलतियों को झुपाने के लिए बोर्ड के चेयरमैन से हमें दूर रखा। जिसके लिए हकए एक ज्ञापन के जरिए उनसे मिलने वालेे थे। विरोध के बीच जैसे-तैसे ज्ञापन की कॉपी, बोर्ड के चेयरमैन तक पहुंचाई गई। पर इस पूरे घटनाक्रम को लोको पायलट ने काफद दुभाग्यपूर्ण बताया। इसके लिए अधिकारियों केे मनमाने रवैये को जिम्मेदार बताया।

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