Education
PlastIndia Foundation to set up international university in Gujarat

The PlastIndia Foundation plans to invest around Rs 130 crore over the next five years to set up PlastIndia International University(PIU) at Vapi in Gujarat.
This is to offer world class education and to develop skilled manpower for the sector.
“The Gujarat government has allotted us 35 acre plot at Vapi in Gujarat. We have already invested Rs 9 crore and plan to invest total of Rs 130 crore over the next five years to create world-class campus,” Plastindia Foundation president Bipin Shah told reporters here.
Plastindia Foundation is the apex body of major associations, organizations, and institutions connected with plastics including government and semi-government organisations.
PlastIndia International University has already entered into collaboration with University of Massachusetts Lowell (U-MASS) andUniversity of Wisconsin-Madison, Shah said.
He said the undergraduate engineering programme at PIU will incorporate all the components of the curriculum that has made U-Mass Lowell Plastics Engineering programme an international success.
The plastic industry is in dire need of a knowledge centre and short-term trainings to the technical staff. As majority of the manufacturers are SMEs in the sector, it becomes difficult for them to obtain the higher skill courses needed for technical knowledge that is required for product innovation.
PIU will be the first institution in India which will teach polymer technology from concept to commercialization. The focus is on providing a knowledge based institution rather than a resource based one, Shah said.
Bank Exam
घर का सपना होगा पूरा – कितना सस्ता होम लोन दे रहा है देश का सबसे बड़ा बैंक, यहां पढ़े पूरी जानकारी

SBI Home Loan: एसबीआई अपने ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर होम लोन दे रहा है। अन्य लाभों के अलावा, महिला बोरोअर्स रियायतों का लाभ उठा सकती हैं। देश के सबसे बड़े लेंडर के अनुसार, एसबीआई होम लोन लेने वालों को ब्याज दर से जुड़ा क्रेडिट स्कोर मिलेगा।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अपने ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर होम लोन दे रहा है। अन्य लाभों के अलावा, महिला बोरोअर्स रियायतों का लाभ उठा सकती हैं। देश के सबसे बड़े लेंडर के अनुसार, एसबीआई होम लोन लेने वालों को ब्याज दर से जुड़ा क्रेडिट स्कोर मिलेगा। एसबीआई के अनुसार, किसी भी लोन अमाउंट के लिए एक समान दर है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, “एसबीआई होम लोन के साथ अपने सपनों का घर पाएं। यहां जाएं: द्धह्लह्लश्चह्य://द्धशद्वद्गद्यशड्डठ्ठह्य.ह्यड्ढद्ब।” आइए आपको भी बताते हैं कि एसबीआई होम लोन के लिए क्या एलिजिबिलिटी है? इसकी ब्याज दरें कितनी है और इस बैंक की होम लोन की क्या विशेषताएं हैं।

एसबीआई होम लोन नवीनतम ब्याज दर
भारतीय स्टेट बैंक 6.65 फीसदी प्रति वर्ष से शुरू होने वाले होम लोन पर आकर्षक ब्याज दर प्रदान करता है। इस फोटो में आपको ब्याज दर से संबंधित सभी डिटेल मिल जाएंगी, जो कि एसबीआई की ओर से प्रोवाइड कराई गई हैं।
एसबीआई होम लोन फीचर्स
– होम लोन उत्पाद हर ग्राहक की जरूरत के अनुरूप हैं
– कम ब्याज दर
– कम प्रोसेसिंग फीस
– कोई इनडायरेक्ट फीस नहीं
– कोई प्री पेमेंट फीस नहीं
– दैनिक घटती शेष राशि पर ब्याज प्रभार
– 30 साल तक की चुकौती
– ओवरड्राफ्ट के रूप में उपलब्ध होम लोन
– महिला उधारकर्ताओं के लिए ब्याज रियायत
Education
भारतीय टूरिस्ट, स्टूडेंट्स और कामगारों को नए साल में तोहफा दे सकता है ब्रिटेन, इस प्लान पर हो रहा काम

ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री ऐनी-मेरी ट्रेवेलियन (Anne-Marie Trevelyan) के इस महीने भारत की यात्रा पर जाने की उम्मीद है। ट्रेवेलियन की इस यात्रा के दौरान भारतीयों के लिए इमीग्रेशन नियमों में ढील देने की संभावना को खोलने की उम्मीद है।
हाइलाइट्स
- इमीग्रेशन नियमों में ढील देने की योजना
- कार्य और पर्यटन वीजा शुल्क में की जा सकती है कटौती
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री ऐनी-मेरी ट्रेवेलियन के इस महीने भारत की यात्रा पर जाने की उम्मीद
भारत के साथ व्यापार करार (Trade Deal) के लिए ब्रिटेन भारतीय पर्यटकों, विद्यार्थियों और पेशेवरों के लिए इमीग्रेशन नियमों में ढील देने की योजना बना रहा है। इसके तहत ब्रिटेन भारतीयों को सस्ते और सुगम या आसान वीजा की पेशकश कर सकता है। ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री ऐनी-मेरी ट्रेवेलियन के इस महीने भारत की यात्रा पर जाने की उम्मीद है। उसी समय दोनों देशों के बीच प्रस्तावित भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर औपचारिक बातचीत शुरू होने की संभावना है।
‘द टाइम्स’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेवेलियन की इस यात्रा के दौरान भारतीयों के लिए इमीग्रेशन नियमों में ढील देने की संभावना को खोलने की उम्मीद है। यह काफी समय से भारत की एक प्रमुख मांग रही है। ट्रेवेलियन को इस मामले में विदेश मंत्री लिज़ ट्रस का समर्थन हासिल है। ट्रस ने चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों को सरकार के एजेंडा में शीर्ष पर रखा है।
गृह मंत्री प्रीति पटेल विरोध में
हालांकि, खबरों में कहा गया है कि गृह मंत्री प्रीति पटेल इस कदम का विरोध कर रही हैं। पिछले साल मई में पटेल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक ‘बेस्पोक’ और पारस्परिक प्रवासन और गतिशीलता भागीदारी (एमएमपी) पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत दोनों देशों के लगभग 3,000 छात्रों और पेशेवरों को एक-दूसरे के यहां एक साल के कार्य अनुभव का लाभ मिल सकेगा। एमएमपी के तहत दोनों पक्ष नई प्रणाली को लागू करने के लिए अप्रैल, 2022 की समयसीमा की दिशा में काम करने पर सहमत हुए हैं। लंदन में उच्चायोग और नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय में इस पर काम चल रहा है।
घट सकता है कार्य और पर्यटन वीजा शुल्क
हालांकि, आगे की इमीग्रेशन योजनाओं के तहत एक ऐसे विकल्प पर विचार किया जा रहा है, जो ऑस्ट्रेलिया के साथ ब्रिटेन के एफटीए का हिस्सा है। इसके तहत युवा भारतीयों को ब्रिटेन में तीन साल के लिए काम करने का मौका मिल सकता है। इसके अलावा एक अन्य विकल्प विद्यार्थियों के लिए वीजा शुल्क में कटौती का भी है। कार्य और पर्यटन वीजा शुल्क में कटौती की जा सकती है। अभी किसी भारतीय के लिए कार्य वीजा की लागत 1,400 पाउंड और विद्यार्थियों तथा पर्यटकों के लिए 348 पाउंड बैठती है।
7th CPC
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए – 7वें पे के तहत बच्चों की एजुकेशन के लिए मिलता है पैसा, ऐसे उठाए लाभ

7th Pay Commission: सातवें वेतनमान के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों को मिलने वाले चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है. दरअसल केंद्रीय कर्मचारियों के दो बच्चों को सरकार की तरफ से एजुकेशन अलाउंस का लाभ प्राप्त होता है. इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि चिल्ड्रन अलाउंस का लाभ उठाने के लिए कर्मचारियों को कैसे क्लेम करना होगा.
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को सरकार की तरफ से कई तरह के बेनेफिट मिलते हैं. इनमें एक बड़ा फायदा है बच्चों की एजुकेशन के लिए मिलने वाला पैसा. जी हां केंद्रीय कर्मचारियों को अपने बच्चों की एजुकेशन के लिए बकायदा सरकार की तरफ से भत्ता मिलता है. कोई भी कर्मचारी सरकार ने अपने 2 बच्चों की एजुकेशन के लिए सरकार की तरफ से भत्ता प्राप्त करता है. ये भत्ता उन्हें अलग से नहीं बल्कि उनकी सैलेरी में जोड़ के चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस के तौर पर मिलता है. मगर इसके लिए आपको अपने ऑफिस में दावा करना होता है. आइए जानते हैं कि कैसे आपको इसके लिए क्लेम करना होगा और आपको कितनी राशि बच्चों की एजुकेशन के लिए मिल सकती है.
सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को 2 बच्चों की शिक्षा के लिए ही भत्ता देती है, मगर यदि किसी कर्मचारी के जुड़वां बच्चे हों तो फिर उसे 3 बच्चों के लिए ये भत्ता दिया जाएगा, बता दें कि केंद्र सरकार के कर्मचारी को प्रत्येक बच्चे की शिक्षा के लिए हर महीने 2,250 रु का सीईए (Children Education Allowance) दिया जाता है.
हालांकि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अनुसार यह सीईए तब बढ़ेगा जब संशोधित वेतन पर महंगाई भत्ता (डीए) 50 फीसदी तक बढ़ाया जाएगा. डीओपीटी के अनुसार डीए के 50 प्रतिशत बढ़ने पर सीईए अपने आप 25 प्रतिशत बढ़ जाएगा.हालांकि दिव्यांग बच्चे के मामले में सीईए प्रति माह 4,500 रुपये दोगुना हो जाता है. सीईए के अलावा केंद्रीय सरकारी कर्मचारी 6,750 रुपये की मासिक हॉस्टल सब्सिडी के लिए भी दावा कर सकते हैं.
यदि आप केंद्रीय कर्मचारी हैं और सीईए के लिए करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले बच्चों के स्कूल प्रिंसिपल से वेरिफाई हुआ सर्टिफिकेट हासिल करना होगा. इस सर्टिफिकेट में ये जानकारी होगी कि बच्चे उसी स्कूल में पढ़ते हैं. इस सर्टिफिकेट के अलावा आपको बच्चों के रिपोर्ट कार्ड और फीस की रसीद की एक प्रति अपने ऑफिस में जमा करानी होगी. इस जरूरी डॉक्यूमेंट्स को जमा करने के बाद आप सीईए क्लेम कर सकेंगे. हालांकि अगर दोनों पति या पत्नी सरकारी कर्मचारी हैं तो उनमें से केवल एक ही सीईए क्लेम करने के लिए पात्र होगा.
सीईए के लिए क्लेम दावा करने के लिए बच्चे की अधिकतम आयु सीमा 20 वर्ष या 12वीं कक्षा पास करने तक का समय, जो भी पहले हो. मगर दिव्यांग बच्चे के मामले में अधिकतम आयु सीमा 22 वर्ष है. सीईए का क्लेम करने के लिए कोई न्यूनतम आयु लागू नहीं होगी.
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